D.C. Motor (डी.सी. मोटर)

डी. सी. मोटर एक ऐसी मशीन /मोटर है जो विद्युत ऊर्जा (Electrical Energy) को यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy) में परिवर्तित करती है। बनावट के आधार पर डी.सी. मोटर और डी.सी. जनरेटर में कोई अन्तर नहीं होता है। परन्तु इनसे लिए जाने वाले कार्य अलग-अलग होते हैं। 

Principle of D.C. Motor (डी.सी. मोटर का सिद्धांत) 

डी. सी. मोटर इलैक्ट्रोमैग्नेटिक ड्रैग (Electromagnetic Drag) के सिद्धांत पर कार्य करती है। इलैक्ट्रोमैग्नेटिक ड्रैग के सिद्धांत के अनुसार यदि किसी करंट युक्त चालक को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाए तो वह एक बल (Force) महसूस करता है। तथा इस बल के कारण वह घूमने की कोशिश करता है। जिससे मोटर का शॉफ्ट घूमने लगता है।  इसी को डी. सी. मोटर का इलैक्ट्रोमैग्नेटिक ड्रैग (Electromagnetic Drag) का सिद्धांत कहते हैं। 

Main Parts of D.C. Motor

Parts of D.C. Motor

Main Parts of D.C. Motor


डी. सी. मोटर के मुख्य भाग ( Main Parts of D.C. Motor) 

डी. सी. मोटर के मुख्य भाग निम्न प्रकार से है। 

बॉडी या योक (Body or Yoke)

यह डी. सी. मोटर का मुख्य भाग होता है। जिसमें अन्य सभी प्रकार के भाग फिट किये जाते है। योक या बॉडी मोटर के अन्य सभी भागों को सुरक्षा प्रदान करता है तथा चुम्बकीय फ्लक्स को भी मार्ग प्रदान करता है। कम क्षमता वाले मोटरों का बॉडी या योक (Body or Yoke) ढलवें लोहे ( Cost Iron) तथा अधिक क्षमता वाले मोटरों का बॉडी या योक (Body or Yoke) कास्ट स्टील (Cast Steel) का बनाया जाता है।  बॉडी या योक (Body or Yoke) के ऊपर एक आई बोल्ट ( Eye Bolt) लगा होता है। इसी के द्वारा मोटर को ऊपर की ओर उठाया जाता है। बॉडी या योक (Body or Yoke) के दोनों साइडों पर साइड कवर लगे होते है जो इसे पूरी तरह से ढक लेते है। बॉडी या योक (Body or Yoke) को नीचे चित्र में दिखाया गया है। 

Body or Yoke

Body or Yoke

Parts of DC Motor

Pole Shoes

फिल्ड क्वाइल या पोल (Field Coil or Pole) 

फिल्ड क्वाइल या पोल का प्रयोग चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। पोल को बाडी/योक के साथ बोल्टों के द्वारा जोड़ दिया जाता है। बड़े साइज के मोटरों में पोल के आगे पोल- शू (Pole - Shoe) लगाया जाता है। पोल- शू (Pole - Shoe) चुम्बकीय फ्लक्स को एक समान रूप से फैलाता है। पोलों के ऊपर फिल्ड क्वाइल लपेटी रहती है। 

आर्मेचर कोर (Armature Core) 

आर्मेचर कोर मोटर में बेलनाकार टाइप का घूमने वाला भाग होता है। इसे सिलिकॉन स्टील की पत्तियों को आपस में मशीन द्वारा जोड़कर बनाया जाता है। इन स्टील पत्तियों की मोटाई 0.35mm से 0.5mm होती है। यह पत्तियां लैमिनेटेड वार्निश या पेपर से इन्सुलेट की जाती है।  स्टील की लैमिनेटेड पत्तियों का प्रयोग करने से इसमें हिस्टैरेसिस और एड़ी करंट हानियों को कम किया जा सकता है। आर्मेचर में स्टील की पत्तियों को विशेष आकार में काटकर झीरियां (Slots) बनायी जाती है। तथा इन झीरियों में क्वाइलों के कंडक्टर लगाये जाते है। जो कि चुम्बकीय फ्लक्स को काटते हैं। तथा चुम्बकीय फ्लक्स के लिए कम रिलैक्टैंस का मार्ग देते है। 

आर्मेचर वाइंडिंग ( Armature Winding) 

आर्मेचर कोर की झीरियों (Slots) में फिट की गई क्वाइलों को आर्मेचर वाइंडिंग कहा जाता है। इन क्वाइलों को इनैमल्ड तांबे की तारों का प्रयोग करके बनाया जाता है। क्वाइलों के कंडक्टरों को आपस में इंसुलेट करने के लिए वार्निश, सिलिकॉन तथा माइका टेप आदि का प्रयोग किया जाता है। आर्मेचर कोर में दो तरह की वाइंडिंग की जाती है। लैप वाइंडिंग (Lap Winding) और वेव वाइंडिंग (Wave Winding)। 

कम्यूटेटर (Commutator) 

कम्यूटेटर आर्मेचर में उत्पन्न (E.M.F.) को बाहरी सर्किट तक पहुंचाने का कार्य करता है। तथा Alternating Current को एक दिशायी (Direct Current) में परिवर्तित करता है। कम्यूटेटर गोल आकार की तांबे की पत्तियों (Segments) का बना होता है। इन गोल आकार की तांबे (Coper)  की पत्तियों को अभ्रक (Mica) द्वारा आपस में शाफ्ट से इन्सुलेट किया जाता है। इनको जोड़ने यह एक बेलनाकार या सिलेंडरनुमा आकार बना लेते हैं। इसके एक सिरे पर कुछ उठा हुआ भाग होता है। इस उठे हुए भाग को कम्यूटेटर राइजर कहते हैं। आर्मेचर क्वाइलों के सिरों को राइजर के साथ Solder लगाकर जोड़े जाते हैं। 

ब्रुश गीयर तथा ब्रुश (Brush Gear and Brushes)

ब्रुश का कार्य कम्यूटेटर से करंट लेकर बाहरी सर्किट को देना होता है। ब्रुश कार्बन या तांबे (Copper) के बने आयताकार आकार के टुकड़े होते है। यह दो या चार के सैट में होते हैं। इन ब्रुशों को ब्रुश होल्डर में फिट किया जाता है। ब्रुश होल्डर में लगे स्प्रिंग (Spring) ब्रुशों पर एक निश्चित दबाव बनाकर रखते हैं। आमतौर पर यह दबाव 75 से 150 ग्राम प्रति वर्ग सेमी. होता है। ब्रुश होल्डर को रॉकर आर्म (Rocker Arm) पर फिट किया जाता है। रॉकर को एडजैस्ट किया जा सकता है। ब्रुशों के बीच में एक तार लगी होती है। जिसे पिग टेल (Pig Tail) कहा जाता है। 


साइड कवर (Side Cover)

साइड कवर को End Cover या End Plate भी कहा जाता है। यह साइड कवर बाड़ी को दोनों साइडों से बन्द करने का कार्य करते हैं। दोनों कवरों के बीच में बैरिंग फिट करने की जगह बनी होती है। इन कवरों में से हवा गुजरने के लिए सुराख या खांचे बने होते है। ताकि हवा द्वारा मशीन को ठंडा किया जा सके। 


बेरिंग्ज ( Bearings)

बैरिंग आर्मेचर की शॉफ्ट को एक स्थान पर टिका कर आसानी से घूमने में सहायता करते हैं जिससे आर्मेचर बिना किसी कम्पन के आसानी से घूमने लगता है। आमतौर पर बेरिंगज बुश बैरिंग्ज, बॉल बैरिंग्ज, बैबिट मैटल बुश प्रयोग में लाये जाते हैं। 

कूलिंग फैन (Cooling Fan) 

यह हवा द्वारा मशीन को ठंडा करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह ढलवें लोहे (Cast Iron) या एल्युमिनियम का बनाया जाता है। इसे शाफ्ट पर कम्यूटेटर के दूसरे सिरे पर लगाया जाता है। 

शॉफ्ट और पुल्ली (Shaft and Pulley)

जिस पर आर्मेचर , बैरिंगज, कम्यूटेटर आदि फिट किये जाते हैं उसे शॉफ्ट कहा जाता है। शॉफ्ट माइल्ड स्टील की बनी होती है जबकि पुल्ली का प्रयोग शॉफ्ट को घूमाने के लिए किया जाता है। पुल्ली को चाबी (Key) या स्टड (Stud) की सहायता से शॉफ्ट पर फिट किया जाता है। यह कास्ट आयरन की बनी होती है। इसे बैल्ट या पट्टे द्वारा चलाया जाता है। 

टर्मीनल बॉक्स (Terminal Box) 

यह मशीन की बाड़ी के ऊपर एक साइड में लगा होता है। टर्मिनल बॉक्स के अंदर आर्मेचर तथा फिल्ड की तारें लगी होती है। 


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D.C. Motor Question and Answer