What is VFD? |

VFD क्या होती है? |VFD का प्रयोग हम क्यों करते हैं?

हेलो दोस्तो आज हम इस आर्टिकल में VFD ( Veriable Frequency Drive) क्या होती है? VFD क्या काम आती है ? इसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। 

VFD क्या होती है? | VFD का प्रयोग हम क्यों करते हैं?


VFD क्या होता हैं? VFD  का प्रयोग हम क्यों करते हैं?


VFD का फुल फॉर्म Veriable Frequency Drive होता है। इसे VVVFD (Veriable Voltage Veriable Frequency Drive) के नाम से भी जानते हैं। इंडस्ट्री में VFD का प्रयोग मोटर की Frequency को कम ज्यादा करने के लिए किया जाता है। 3 Phase मोटर की स्पीड को कम ज्यादा करने के लिए इंडस्ट्री में VFD (Veriable Frequency Drive) का प्रयोग किया जाता है। 


हम 3 Phase मोटर को चलाने के लिए सामान्यतः DOL ( Direct Online Starter), Star Delta Starter, Automatic Star Delta Starter , Auto Transformer Starter का उपयोग करते हैं। परन्तु इनसे हम मोटर की फ्रीक्वैंसी और स्पीड को Change नहीं कर सकते। इसी कारण हम VFD का प्रयोग 3 Phase Motor की स्पीड को अलग-अलग स्पीड में चलाने के लिए प्रयोग में लाते हैं। 


नीचे दिए गए चित्र में VFD का Internal Connection Diagram दिया गया है। 

VFD में तीन यूनिट होते हैं। 

1-  रेक्टिफायर यूनिट (Rectifier Unit)। 

2- फिल्टर कैपेसिटर यूनिट (Filter Capacitor Unit)। 

3- इन्वर्टर यूनिट (Inverter Unit)। 

What is VFD?

 1- रेक्टिफायर यूनिट (Rectifier Unit)

 VFD में सबसे पहले 3 Phase की सप्लाई रेक्टिफायर यूनिट को दी जाती है। जैसा कि ऊपर दिए गए चित्र में दिखाया गया है। रेक्टिफायर यूनिट A.C. सप्लाई को D.C. सप्लाई में परिवर्तित करता है। 

2- फिल्टर कैपेसिटर यूनिट (Filter Capacitor Unit)

रेक्टिफायर यूनिट से प्राप्त D.C. सप्लाई पूरी तरह से D.C. नहीं होती है। इस सप्लाई में कुछ रिपल्स होते है। रिपल्स को दूर करने के लिए हमें चित्र के अनुसार एक फिल्टर कैपेसिटर को लगाना पड़ता है। जिससे Pure D.C. प्राप्त होती है। 

3- इन्वर्टर यूनिट (Inverter Unit)

 इन्वर्टर लिए हमें चित्र के अनुसार इसमें I.G.B.T. का प्रयोग करते है। I.G.B.T. का फुल फॉर्म Insulated Gate Bipolar Transistor होता है। यह एक हाई स्विचिंग डिवाइस होती है। जिसमें तीन टर्मिनल होते है। कलैक्टर, एमिटर और गेट। जिसे ऊपर दिए गए चित्र के अनुसार जोड़ते है और मोटर को भी जोड़ते है।   गेट के द्वारा फ्रिक्वेंसी को कन्ट्रोल करते हैं। जिससे मोटर की स्पीड चेंज हो जाती है।