रजिस्टर क्या होता है? रजिस्टर कितने प्रकार के होते हैं?
रजिस्टर (Resistor)
रजिस्टर एक एसी इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है जो करंट के मार्ग में बाधा उत्पन्न करती है। इसे रजिस्टर (Resistor) कहते हैं।
इलैक्ट्रॉनिक सर्किट में उपयोग होने रजिस्टर की मान अलग अलग मान पर कलर कोडिंग से सेट करके रजिस्टर बनाया जाता है। रजिस्टर का प्रयोग बिजली के सर्किट (Electricial circuit) एवं इलैक्ट्रोनिक सर्किट (Electronic circuit) में करंट की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
रजिस्टर सर्किट में निश्चित मात्रा का करंट प्रवाह करता है तथा सर्किट में पैदा हुई गर्मी (Heat) को भी सहन करने की क्षमता रखता है।
आम तौर पर प्रयोग होने वाले रजिस्टर (Types of Resistors generally used.)
(A)लाइनर रजिस्टर (Linear Resistor)
(B)नाॅन - लाइनर रजिस्टर (Non - Linear Resistor)
(A)लाइनर रजिस्टर (Linear Resistor)
यह दो प्रकार के होते हैं।
(A) - 1- वायर वाऊंड रजिस्टर (Wire - wound Resistor)
आजकल विद्युत के कार्यों में वायर-वाऊंड रजिस्टर का बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है। यह पोर्सलीन की कोर पर अधिक गलनांक ( High Multing Point) वाले मिश्रित धातु जैसे - मैंगानीन, यूरेका, नाइक्रोम और कैंथल, की चारों को गोल लपेट कर बनाए जाते हैं, तथा तार के दोनों सिरों को टर्मिनल के साथ जोड़ दिया जाता है। पोर्सेलीन के ऊपर लिपटी हुई तारों (वाइंडिंग) को उष्मा रोधित सीमेंट या कम गलनांक कांच की पतली सतह से सुरक्षित किया जाता है। यह अधिक पावर रेटिंग (Power Rating) के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
(A) - 2- कार्बन रजिस्टर (Carbon Resistor)
शुद्ध कार्बन में अलग- अलग-अलग तरह की अशुद्धियां मिलाकर कार्बन - रजिस्टर तैयार किए जाते हैं। यह रजिस्टर 1/8 वाट से 3 वाट तक की कम क्षमता (Capacity) के लिए भी बनाए जाते हैं। आकार में कार्बन रजिस्टर छोटे आकार के होते है कार्बन रजिस्टर का वज़न कम होता है और यह रजिस्टर कम कीमत में मिल जाते हैं।
(B)- नाॅन - लाइनर रजिस्टर (Non - Linear Resistor)
यह मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।
1- वोल्टेज निर्भर रजिस्टर (Voltage Depending Resistor) (V.D.R.)
इसका मान इसे मिलने वाली वोल्टेज पर निर्भर करता है। अगर वोल्टेज डिपेंडेंट रजिस्टर (V.D.R.) में अधिक वोल्टेज दी जाए तो प्रतिरोध (Resistance) का मान कम होता है। और अगर वोल्टेज डिपेंडेंट रजिस्टर (V.D.R.) में कम वोल्टेज दी जाए तो प्रतिरोध (Resistance) का मान अधिक होता है।
2- थर्मीस्टर (Thermister)
थर्मीस्टर रजिस्टर दो प्रकार के होते हैं।
(a)- पोजिटिव टैंपरेंचर कोफिशियंट रजिस्टर (P.T.C.)
इस प्रकार के रजिस्टर मान तापमान पर निर्भर होता है यदि रजिस्टर का तापमान बढ़ जाए तो प्रतिरोध का मान भी बढ़ जाएगा यदि रजिस्टर का मान घट जाए तो, प्रतिरोध का मान भी घट जाएगा। P.T.C. Resistor में Resistance का मान, तापमान (Temprature) के समानुपाती होता है। इसे पोजिटिव टैंपरेंचर कोफिशियंट (Positive Temprature coficient) रजिस्टर कहते हैं।
(b)- नेगेटिव टैंपरेचर कोफिशियंट रजिस्टर (N.T.C.)
इस प्रकार के रजिस्टर का मान तापमान के विलोमानुपाती होता है, अर्थात तापमान बढ़ने पर प्रतिरोध का मान घटता है तथा तापमान घटने पर, प्रतिरोध का मान बढ़ता है।इस प्रकार के प्रतिरोधों को नेगेटिव टैंपरेचर कोफिशियंट रजिस्टर (N.T.C.) कहा जाता है। इनकी क्षमता कम होती हैं। इनका प्रयोग इलैक्ट्रोनिक सर्किटों में किया जाता है।
एल. डी. आर. (L.D.R.)
इस प्रतिरोध का पूरा नाम लाइट डिपैंडिंग रजिस्टर ( Light Depending Resistor) होता है।
एल.डी.आर. (L.D.R.) प्रतिरोधों का मान, इन पर पड़ने वाली रोशनी (Light) पर निर्भर करता है। अधिक रोशनी में इसका मान कम और कम रोशनी में अधिक होता है। इसकी क्षमता कम होती है। इसका प्रयोग स्ट्रीट लाइटों (Street Lights) तथा रात के बल्बों (Night-lamps) में किया जाता है।
आम तौर पर प्रयोग होने वाले रजिस्टर (Types of Resistors generally used.)
(A)लाइनर रजिस्टर (Linear Resistor)
(B)नाॅन - लाइनर रजिस्टर (Non - Linear Resistor)
(A)लाइनर रजिस्टर (Linear Resistor)
यह दो प्रकार के होते हैं।
(A) - 1- वायर वाऊंड रजिस्टर (Wire - wound Resistor)
आजकल विद्युत के कार्यों में वायर-वाऊंड रजिस्टर का बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है। यह पोर्सलीन की कोर पर अधिक गलनांक ( High Multing Point) वाले मिश्रित धातु जैसे - मैंगानीन, यूरेका, नाइक्रोम और कैंथल, की चारों को गोल लपेट कर बनाए जाते हैं, तथा तार के दोनों सिरों को टर्मिनल के साथ जोड़ दिया जाता है। पोर्सेलीन के ऊपर लिपटी हुई तारों (वाइंडिंग) को उष्मा रोधित सीमेंट या कम गलनांक कांच की पतली सतह से सुरक्षित किया जाता है। यह अधिक पावर रेटिंग (Power Rating) के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
(A) - 2- कार्बन रजिस्टर (Carbon Resistor)
शुद्ध कार्बन में अलग- अलग-अलग तरह की अशुद्धियां मिलाकर कार्बन - रजिस्टर तैयार किए जाते हैं। यह रजिस्टर 1/8 वाट से 3 वाट तक की कम क्षमता (Capacity) के लिए भी बनाए जाते हैं। आकार में कार्बन रजिस्टर छोटे आकार के होते है कार्बन रजिस्टर का वज़न कम होता है और यह रजिस्टर कम कीमत में मिल जाते हैं।
(B)- नाॅन - लाइनर रजिस्टर (Non - Linear Resistor)
यह मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।
1- वोल्टेज निर्भर रजिस्टर (Voltage Depending Resistor) (V.D.R.)
इसका मान इसे मिलने वाली वोल्टेज पर निर्भर करता है। अगर वोल्टेज डिपेंडेंट रजिस्टर (V.D.R.) में अधिक वोल्टेज दी जाए तो प्रतिरोध (Resistance) का मान कम होता है। और अगर वोल्टेज डिपेंडेंट रजिस्टर (V.D.R.) में कम वोल्टेज दी जाए तो प्रतिरोध (Resistance) का मान अधिक होता है।
2- थर्मीस्टर (Thermister)
थर्मीस्टर रजिस्टर दो प्रकार के होते हैं।
(a)- पोजिटिव टैंपरेंचर कोफिशियंट रजिस्टर (P.T.C.)
इस प्रकार के रजिस्टर मान तापमान पर निर्भर होता है यदि रजिस्टर का तापमान बढ़ जाए तो प्रतिरोध का मान भी बढ़ जाएगा यदि रजिस्टर का मान घट जाए तो, प्रतिरोध का मान भी घट जाएगा। P.T.C. Resistor में Resistance का मान, तापमान (Temprature) के समानुपाती होता है। इसे पोजिटिव टैंपरेंचर कोफिशियंट (Positive Temprature coficient) रजिस्टर कहते हैं।
(b)- नेगेटिव टैंपरेचर कोफिशियंट रजिस्टर (N.T.C.)
इस प्रकार के रजिस्टर का मान तापमान के विलोमानुपाती होता है, अर्थात तापमान बढ़ने पर प्रतिरोध का मान घटता है तथा तापमान घटने पर, प्रतिरोध का मान बढ़ता है।इस प्रकार के प्रतिरोधों को नेगेटिव टैंपरेचर कोफिशियंट रजिस्टर (N.T.C.) कहा जाता है। इनकी क्षमता कम होती हैं। इनका प्रयोग इलैक्ट्रोनिक सर्किटों में किया जाता है।
एल. डी. आर. (L.D.R.)
इस प्रतिरोध का पूरा नाम लाइट डिपैंडिंग रजिस्टर ( Light Depending Resistor) होता है।
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